परहित सरिस धर्म नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई
दया और प्रेम शब्द छोटे हो सकते हैं पर इनकी गूंज की कोई सीमा नहीं होती।
जब इन उदात्त भावों का अंकुरण होता है तो मानवता जन्म लेती है और जाने कितना वृहद परिवार बन जाता है अपनों का जो एक पृष्ठभूमि की सोच के साथ संसार को बदलने का जज्बा अपने भीतर समा लेता है।
3 वर्षों पूर्व सब विचारों का प्रस्फुटन हुआ सुल्तानपुर की धरा में सद्भाव की परिकल्पना ने मानव हित का अंकुरण किया जिसे 3 वर्ष हो चुके। आज उसकी शाखाओं में किन-किन कार्यों का पल्लवन हो रहा यह भी जानना आवश्यक है।
5 अप्रैल 2017 को स्थापित अंकुरण फाउंडेशन ने रक्तदान की अतुलनीय भूमिका में दो हजार यूनिट का रक्तदान कर आ जाने कितनों को जीवन दान देकर एक अलख जगा दी।
कपड़ा बैंक की स्थापना कर नि:शुल्क आदान-प्रदान की प्रक्रिया में 8000 परिवारों को सर्दियों में ठंड के कपड़े तथा निर्धन परिवारों को अनवरत वितरण कर अनूठा कार्य किया है।